रूपरेखा -
(1) प्रस्तावना
(2) प्रदूषण का आशय
(3) पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार
(4) प्रदूषण के कारण
(5) पर्यावरण प्रदूषण के निराकरण के उपाय
(6) उपसंहार
1.प्रस्तावना -हम पृथ्वी पर रहते हैं, जो एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है। यहां मौजूद हवा, पानी और मिट्टी जैसे संसाधन सीमित हैं। उन्हें प्रदूषित करने का मतलब है कि हम खुद को मुश्किल में डाल रहे हैं। आज पर्यावरण प्रदूषण विश्व के सामने एक विकराल समस्या की तरह उपस्थित है। आज विश्व में कोई भी देश ऐसा शेष नहीं है जो पर्यावरण प्रदूषण से ग्रस्त न हो। विश्व के वैज्ञानिक इस समस्या के निवारण के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। साधन तलाश कर रहे हैं।
2.प्रदूषण का आशय– जल, वायु, पृथ्वी के रासायनिक, जैविक, भौतिक गुणों में घटित होने वाला अवांछनीय परिवर्तन, प्रदूषण कहलाता है। वर्तमान में विश्व नवीन युग में पदार्पण कर रहा है। लेकिन खेद का विषय है कि आज विषाक्त वातावरण उसके जीवन में जहर घोल रहा है।
3.पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार- प्रदूषण तो बहुत प्रकार के होते हैं लेकिन फिर भी हमने इन्हे तीन प्रमुख भागों में बांटा है
जल प्रदूषण
वायु प्रदूषण
भूमि/मृदा प्रदूषण
• जल प्रदूषण- जल में अशुद्धता, अपशिष्ट, विषाक्त पदार्थ आदि का निर्वहन जल प्रदूषण कहलाता है।
• वायु प्रदूषण-वातावरण में वायु को प्रदूषित करना वायु प्रदूषण कहलाता है। जहरीली गैस और धुआं हवा में मिल जाती है और वायु प्रदूषण को जन्म देती है।
• भूमि/मृदा प्रदूषण-अपशिष्ट और अजैव निम्नीकरणीय सामग्री को मिट्टी में जमा करने से मिट्टी या भूमि प्रदूषण होता है।
4.प्रदूषण के कारण- प्रदूषण का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण जनसंख्या वृद्धि है। लगातार बढ़ रहे कारखाने भी पर्यावरण प्रदूषण का कारण हैं। वाहनों से निकलने वाला धुआँ, पानी का शुद्ध न होना, ध्वनि प्रदूषण में आविष्कृत वाहन ये सभी पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं। गन्दगी फैलने से अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न हो रहे हैं। पर्यावरण को प्रदूषित करने का महत्त्वपूर्ण कारण है-
(I) निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या ।
(II) वनों और वृक्षों का अनियोजित ढंग से काटा जाना।
(III) शहरों के कूड़े-करकट का सुनियोजित निस्तारण न किया जाना।
(IV) जल निकासी और उसके प्रवाह का अनुचित प्रबन्ध
(V)रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुँचाते हैं।
5.पर्यावरण प्रदूषण के निराकरण के उपाय- कुछ बातों का पालन करके और कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाकर आप पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में आसानी से योगदान दे सकते हैं। जैसे की: वृक्षारोपण, साइकिल को प्राथमिकता दें,ध्वनि नियन्त्रण यन्त्रों का प्रयोग, परमाणु विस्फोटों पर रोक, कल-कारखानों में फिल्टर का प्रयोग, नुकसानदायक, रासायनिक तत्वों को नष्ट करना, नदियों में प्रवाहित गन्दगी पर रोक,
प्लास्टिक का अधिक उपयोग करने के बजाय बायोडिग्रेडेबल उत्पाद चुनें।
अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करें।
रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके जैविक खेती को बढ़ावा दे।
इन सभी के द्वारा हम प्रदूषण को पूर्णरूप से तो नष्ट नहीं कर सकते लेकिन उसे कुछ मात्रा में कम तो कर ही सकते हैं। प्रदूषण को रोकने वाले तत्वों में प्रधान तत्व हैं-वृक्षों का आरोपण, उनकी सुरक्षा और देखभाल का उचित प्रबन्ध। प्राचीन वनों को सुरक्षित रखा जाए। नवीन वनों का प्रबन्ध किया जाए। वृक्ष लगाये जाएँ। वृक्षों की सिंचाई व्यवस्था ठीक की जाए। नियंत्रण और रोकथाम के लिए कदम
6.उपसंहार - पर्यावरण प्रदूषण से निवारण पाने के लिए समस्त विश्व लगातार प्रयास कर रहा है आशा है कि भविष्य में हम प्रदूषण को कुछ हद तक कम कर सकें क्योंकि बीमारी का तो इलाज है लेकिन प्रदूषण द्वारा उत्पन्न रोग असाध्य है।
FAQs: Frequently Asked Questions on Environmental Pollution (पर्यावरण प्रदूषण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
उत्तर. दुनिया के बढ़ते प्रदूषण में भारत तीसरे नंबर पर है।
प्रश्न.2 भारत में सबसे कम प्रदूषण करने वाला कौन सा राज्य है?
उत्तर. भारत में सबसे कम प्रदूषण करने वाला राज्य केरल है
उत्तर. तुर्की, फ्रांस, पोलैंड आदि कुछ पर्यावरण के अनुकूल देश हैं जहां सबसे कम प्रदूषण है।
उत्तर. 2022 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE), चीन, इराक आदि कुछ अत्यधिक प्रदूषित देश हैं
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